ब्रह्माजी ने अपनी पुत्री सरस्वती से विवाह क्युं किया ?

ब्रह्माजी को सृष्टी का रचयिता कहा जाता है । ब्रह्माजी की पत्नी विद्या की देवी सरस्वती है

हम सभी के  विद्यार्थी जीवन मे सरस्वती का उच्च स्थान हमारे स्कुलो मे माँ सरस्वती के तस्वीर अनिवार्य रूप से होती है ।

क्या आप जानते है की ब्रह्माजी ने अपनी पुत्री सरस्वती से विवाह क्यों किया ?

हिंदु धर्म के दो मुख्य धर्म ग्रंथो मे इस बात का वर्णन मिलता है

1.सरस्वती पुराण    

2. मत्सय पुराण



आईये चलते है आपको बताते है की ब्रह्माजी ने अपनी ही पुत्री से विवाह जैसा निंदनीय कार्य क्यु किया ?

1.सरस्वती पुराण →

सरस्वती पुराण के अनुसार ब्रह्माजी ने अपनी शक्ति से देवी सरस्वती को जन्म दिया था । सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है । ऐसा कहा जाता है की सरस्वती जी बहुत ही सुन्दर थी । ब्रह्माजी ने इनकी सुंदरता से आर्कषित हो गये । सरस्वती जी अपने पिता की बात समझ गई और वे उनसे बचने के लिए चारो दिशाओ मे छुपने लगी पर ब्रह्माजी की नजरो से बच नही पाई । अत: ब्रह्माजी के सृष्टी निर्माण के उदेश्य से उनसे विवाह कर लिया ।

विवाह के पश्चात →

विवाह के पश्चात ब्रह्माजी व सरस्वती ने एक जंगल मे 100 वर्षो तक पति - पत्नि के रूप मे जीवन यापन किया । इसके बाद इनका एक पुत्र हुआ जिनका नाम मनु था । मनु ही पृथ्वी के प्रथम मनुष्य  थे ।

2.मत्सय पुराण


ब्रह्माजी ने अपनी शक्ति से सृष्टी की रचना की । ब्रह्माजी ने सृष्टी रचना के उदेश्य से सरस्वती जी को उत्पन्न किया । ब्रह्माजी ने सरस्वती से सृष्टी रचना का अनुरोध किया । सरस्वती जी ने उनका अनुरोध स्वीकार किया और उनसे विवाह किया । सृष्टी निर्माण मे अपनी भुमिका निभाई । ब्रह्माजी व सरस्वती जी के प्रथम पुत्र का नाम मनु रखा गया ।


आशा करता हु की आपको यह पौराणिक कथा अच्छी लगी होगी कोई त्रुटी होवे तो कमेंट करके बताये 

                                         धन्यवाद 

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