आज हम बात करेगें स्वामी विवेकानंद के बारे मे की स्वामी जी की मृत्यु कैसे हुई ? और स्वामी विवेकानंद के अंतिम दिन कि कुछ घटनाए ।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुअा था । स्वामी जी की मृत्यु 1902 मे मात्र 39 साल की आयु मे हुआ था । बेलुर मठ मे हुआ था ।
स्वामी विवेकानंद ने एक युवा सन्यांसी के रूप मे पुरे विश्व मे जाना जाता है । अपनी आध्यात्मिक सोच के कारण दुनिया मे पहचाने जाने वाले स्वामी विवेकानंद आज भी याद किये जाते है । इन्होने मात्र 39 वर्ष की आयु मे इस नश्वर संसार को छोड़ दिया था ।
स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस के उदेश्यो का पालन किया और विश्व के कोने 2 मे रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन की स्थापना की ।अमेरिका मे अपने अमेरिकी शिष्यो की मदद से वेदांत सोसायटी की स्थापना की । आज भी करोडो़ युवा इनको अपना आदर्श मानते है ।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुअा था । स्वामी जी की मृत्यु 1902 मे मात्र 39 साल की आयु मे हुआ था । बेलुर मठ मे हुआ था ।
स्वामी विवेकानंद ने एक युवा सन्यांसी के रूप मे पुरे विश्व मे जाना जाता है । अपनी आध्यात्मिक सोच के कारण दुनिया मे पहचाने जाने वाले स्वामी विवेकानंद आज भी याद किये जाते है । इन्होने मात्र 39 वर्ष की आयु मे इस नश्वर संसार को छोड़ दिया था ।
स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस के उदेश्यो का पालन किया और विश्व के कोने 2 मे रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन की स्थापना की ।अमेरिका मे अपने अमेरिकी शिष्यो की मदद से वेदांत सोसायटी की स्थापना की । आज भी करोडो़ युवा इनको अपना आदर्श मानते है ।
स्वामी विवेकानंद का अंतिम दिन →
4 जुलाई 1902 का दिन स्वामी विवेकानंद का अंतिम दिन था । स्वामीजी ने शाम को 3 घंण्टे तक योग किया उसके बाद स्वामी जी ने मठ मे टहले । शाम 7 बजेः स्वामी जी अपने कमरे की तरफ गये और अपने शिष्यगणो को व्यवधान न डालने को कहा ।
9:10 तक स्वामी की मृत्यु का समाचार पुरे मठ मे फैल गया गया । उनके शिष्यो की माने तो स्वामी जी ने महासमाधी ली थी । वही मेडीकल साइंस का दावा है की उनकी मृत्यु ब्रेन हेम्रेज की वजह से हुई थी ।
स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्कार →
स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्कार गंगा नदी के तट पर किया गया । स्वामीजी की इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार गंगा तट पर ही किया गया । क्योंकी स्वामीजी के गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस का अंतिम संस्कार भी गंगा तट पर ही किया गया था ।
स्वामी विवेकानंद को भारत के दुसरे आदि गुरू शंकराचार्य कहा जाता है ।
आशा करता हुं यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी ।
- बालयोगी
Comments
Post a Comment