श्री कृष्ण ने राधा से विवाह क्युं नही किया ?

आज मै आपको यह बताने वाला हुं की भगवान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह क्युं नही किया ।

जैसा की आप सभी जानते है की जब जब धरती पर पाप बढता है तब तब भगवान विष्णु अपने विभिन्न रूपो मे संसार की रक्षा करते है और उनके हर अवतार मे उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी ही होती है । त्रेतायुग मे देवी सीता के रूप मे भगवान राम की पत्नी थी । द्वापर युग मे देवी रूक्मणी के रूप मे श्री कृष्ण की पत्नी थी ।


श्री कृष्ण ने राधाजी से विवाह क्युं नही किया ? 


जब द्वापर युग मे भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया तो देवी लक्ष्मी ने भी रूक्मणी के रूप मे विधर्भ देश के राजा भीष्मा के यहा  उनकी पुत्री के रूप मे जन्म लिया । जब रूक्मणी जी 6 माहः कि थी  तो एक राक्षसी उनके महल मे आ कर और रूक्मणी को अपने विषस्थनः  का पान कराने का प्रयास करने लगी तभी कुछ लोग महल के अंदर आ गये  अचानक लोगो को देखकर राक्षसी रूक्मणी को लेकर आसमान मे उड़ने लगी । यह देखकर लोगो ने राक्षसी का बहुत दुर तक पीछा किया । परन्तु राक्षसी देवी रूक्मणी को लेकर आसमान मे बहुत ऊपर उड़ गयी । यह सब देखकर लोगो ने देवी रूक्मणी के जीवीत रहने की आश छोड़ दी ।

जब राक्षसी देवी रूक्मणी को लेकर बहुत ऊपर ऊड़ रही थी तभी देवी रूक्मणी ने अपना वजन बढाना शुरू कर दिया । देवी रूक्मणी ने अपना वजन इतना बढा लिया था की राक्षसी उन्हे संभाल न पाई और हाथ से छुट गई ।

देवी रूक्मणी मथुरा राज्य के बरसाना गाँव मे एक सरोवर पर एक कमल के फुल पर आ गिरी । उसी समय बरसाना के एक निवासी वरिस्बान अपनी पत्नी कृतिदेवी के साथ उस सरोवर के किनारे से गुजर रहे थे । तभी उनकी नजर कमल के फुल पर सोयी उसी बच्ची रूक्मणी पर पडी़ और वे दोनो देवी रूक्मणी को लेकर अपने साथ ले जाते है । वे उनको अपनी पुत्री बनाकर उनका पालन-पोषण करते है और उसका नाम राधा रखते है ।

राधाजी जब बडी़ हुई तो उनकी मुलाकात गोकुल के श्रीकृष्ण से होती है । आपने भगवान श्रीकृष्ण व राधा के प्रेमबंधन के बारे मे तो सुना ही होगा 
एक समय जब श्रीकृष्ण को  विवश होकर मथुरा जाना पडा़ था तभी श्रीकृष्ण ने यह सोचा था की वापस आते ही वे उनसे विवाह कर लेंगे । परन्तु उनके जाने के कुछ समय बाद ही विधर्भ राजा भीष्मा को यह पता चला की राधा ही उनकी पुत्री रूक्मणी है तब वे बरसाना आकर अपनी पुत्री रूक्मणी को विधर्भ देश ले जाते है ।


विधर्भ राज्य भगवान श्रीकृष्ण के दुश्मनो का राज्य था । राजा भीष्मा अपनी पुत्री रूक्मणी का विवाह किसी और से करवाना चाहते थे । लेकीन भगवान श्रीकृष्ण ने रूक्मणी/राधा का हरण करके उनसे विवाह किया ।

बंधुयो आप इस जानकारी पढकर समझे ही होंगे की राधाजी व रूक्मणी जी  एक ही है । 




धन्यवाद 

                    


                             - बालयोगी

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