हिमालय का सिध्दाश्रम - श्री शिवजी का सद्गुरू होना तो सबको विदीत ही है । गीता मे गुरू का वर्णन इस प्रकार आया की गुरू के मिलते ही साधक की ज्ञानचर्चा देकर उसके अंदर के अंधकार को दुर कर उसे ब्रह्म से आत्म साक्षात्कार करवा देते है , सद्गुरू स्वंय त्रिमुर्ति व परब्रह्म का रूप है ।
आश्रम के सिध्दो की उम्र रूक जाती है -
ऐसा माना जाता है की हिमालय मे बीच मे स्थित इस आश्रम मे साधको की उम्र रूक जाती है । हजारो सालो से योगी यहा साधनारत है । नाथ संप्रदाय की गुप्त पुस्तक मे सब कुछ जानकारी दी हुई है ।
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