नवीन साधक और हिमालय का ज्ञानगंज

हिमालय का सिध्दाश्रम -  श्री शिवजी का सद्गुरू होना तो सबको विदीत ही है ।  गीता मे गुरू का वर्णन इस प्रकार आया की गुरू के मिलते ही साधक की ज्ञानचर्चा देकर उसके अंदर के अंधकार को दुर कर उसे ब्रह्म से आत्म साक्षात्कार करवा देते है , सद्गुरू स्वंय त्रिमुर्ति व परब्रह्म का रूप है ।

ये सद्गुरू आज भी धरती पर है और हिमालय व सुमेरू पर्वत पर उनका निवास है जिसे सिध्दाश्रम कहते है , कहा जाता है इस सिध्दाश्रम मे कोई नही जा सकता जब कोई साधक उच्च कोटी तक पहुच जाता है तब इन सद्गुरूओ की आज्ञा लेकर ही प्रवेश कर सकता है , वर्तमान मे बहुत से उच्च कोटी के साधक जा चुके है उनके से श्यामाचरण लाहिडी़ , तैलंग स्वामी , रामठाकुर जैसे अनेको महापुरूष सिध्दाश्रम जा चुके है ।

आश्रम के सिध्दो की उम्र रूक जाती है - 

ऐसा माना जाता है की हिमालय मे बीच मे स्थित इस आश्रम मे साधको की उम्र रूक जाती है । हजारो सालो से योगी यहा साधनारत है । नाथ संप्रदाय की गुप्त पुस्तक मे सब कुछ जानकारी दी हुई है ।


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